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Midille 3

CHATGPT: जादूगर या टेक्नोलॉजी का राज? कैसे इसने दुनिया को हिला कर रखा है? जानिए उसके काम की रहस्यमयी कहानी

       

                         थोड़े दिन पहले एक दोस्त के साथ बैठे थे। बोला की बहुत सही चीज़ आई है। गुरु से कहोगे कविता लिख दो किसीभी टॉपिक पर लिख देगा कहो इस आदमी के बारे में रिसर्च कर कर दो तो कर देगा ऐसे और तमाम क्रांतिकारी काम वो सेकंडों में कर देता है नाम है CHATGPT खूब हल्ला मचा हुआ है इसको लेकर इसका कारण 5 दिन में वो काम कर दिखाया है जो करने में फेसबुक को 10 महीने, इंस्टाग्राम को ढ़ाई महीने और नेटफ्लिक्स को लगभग 3.5 साल लगे? उसने महज 5 दिन में ही 10,00,000 से ज्यादा यूजर बना लिए थे। तो आज का BLOG CHATGPT पर करते हैं कि आखिर ये क्या बला है जिसने सारा डिजिटल सिस्टम हिलाकर रख दिया है? 


              शुरुआत नाम से करते हैं CHATGPT । इसका मतलब क्या है? ये दो चीजों से मिलकर बना है "CHAT" और "GPT" चैट यानी बातचीत। जैसे हम वॉट्सऐप और दूसरे ऐप्स पर एक दूसरे से करते हैं, वही वाला चैट और GPT का मतलब होता है Generative Pre-training Transformer जिसमें Generative याने बताने वाला प्रीट्रेनिंग यानी जिससे पहले से ट्रेनिंग दी गई हो, ट्रान्स्फ़ोर्मर यानी बदलने वाला यानी पहले से ट्रेंड एक मशीन जो आपकी बात सुनते हैं और फिर उसका जवाब जेनरेट करती है। और मशीनी भाषा में से आपकी भाषा में ट्रांसफर कर आपको जवाब देती है। बस आपकी कुछ कहने की देर है और ये अपना काम करने लगती हैं। मसलन आपको इतना कहना है कि बाइक पंक्चर घर पर कैसे बनेगा बस इतना पूछते ही जवाब आपके सामने होंगे वो भी विस्तार से एकदम आसान भाषा में जैसे कोई इंसान आपको बता रहा हो। 


                                आपको बता दें कि इस तरह की मशीनों को चैटबॉट कहा जाता है। यह ऐसे कंप्यूटर प्रोग्राम होते है जो इंसानों की बातों को समझने और अपने से उनके जवाब तैयार करते हैं। अब सवाल ये है की ये काम कैसे करता है? जैसे हमसे आपसे अगर कोई कुछ बात कहता है तो हम उसे सुनते है, समझते है, दिमाग का इस्तेमाल करते हैं, सोचते हैं, फिर समझते हैं और फिर जवाब दे देते हैं। ये शक्ति "CHATGPT" के पास कहाँ से आ गई? उनके पास इंसानों की तरह दिमाग तो होता नहीं है। इस सवाल का जवाब है आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स यानी AI । अभी ये AI क्या होता है और कैसे काम करता है ? आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स को सरल शब्दों में समझें तो ऐसी टेक्नोलॉजी जो खुद काम कर सकती हैं। जैसे आप दिन भर आदेश देते रहते हैं। एलेक्सा न्यूस सुना दो एलेक्सा मौसम का हाल बता दो एलेक्सा विराट कोहली का स्कोर बता दो। इसी तरह आपके ऐन्ड्रॉइड फ़ोन में एक ऐप्प होता है गूगल असिस्टेंट जिससे अगर आप कह दें कि म्यूसिक बजाओ तो म्यूसिक बजने लगता है। जिसके पास ऐप्पल का आईफोन है, वो ये काम सीरी से करवातें है। आप इसे चुटकुले सुनाने कहो, चुटकुले सुनाता है आप अलार्म लगवाओ तो खुद ही लगा देता है, मेल भेजने कहो खबर पढ़ने को हो सब करता है। उसमें आपको खुद उठकर कुछ नहीं करना पड़ता, बस आदेश देना होता है। ऐसा कर दो काम हो जाता है। पर सवाल ये है कि इसे AI के पास डेटा आता कहाँ से ? इस ब्लॉग के दूसरे हिस्से में हम AI का पूरा कच्चा चिट्ठा देखें गै 

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