कोन है जो Internet को कंट्रोल करता है ?
क्योंकि उनके पास सबसे ज्यादा डाटा है यह भी सच नहीं है क्युकी आप अपनी खुद की वेबसाइट बना सकते हो और यह कंपनी इस में इंटरफेयर नहीं कर इस ब्लॉग मैं दोस्तों आपको internet के बारे में बताना चाहूंगा क्योंकि internet पूरी दुनिया भर में फ्रीडम और डेमोक्रेसी मेंटेन करने के लिए एक इंर्पोटेंट टूल है चीन जैसी कंट्रीज है जो अपने सिटीजंस को कंपलीटली ब्लॉक ऑफ करके रखती है कुछ वेबसाइट जैसे कि गूगल युटुब फेसबुक परमानेंटली ब्लॉक्ड है क्योंकि चीनी गवर्नमेंट एक तरह से ब्रेनवाश करना चाहती है अपने सिटीजंस का । यहां पर इसलिए जानना जरूरी है की internet कैसे काम करता है और यह क्या है । आपको अगर अपनी website बनानी है तो आपको अपना डोमेन नेम खरीदना होता है और कुछ ऐसी वेबसाइट है जो डोमेन नेम को बेचने का काम करती है
जैसे कि hostinger.com पर आप जाएंगे अगर आपको अपनी वेबसाइट के लिए डोमेन नेम खरीदें जैसे मुझे devdigital.shop के लिए खरीदना था तो मैं hostinger.com पर जाकर मैंने खरीदा लेकिन अब सवाल यह की hostinger को ये हक किसने दिया की वो डोमेन नेम जाकर बेचे hostinger कौन होता है डोमेन नेम को बेचने वाला कोई तो होगा जो कह रहा है कि अच्छा hostinger डोमेन नेम बेच सकता है यानी internet का बॉस डिसाइड करेगा कि किसके पास कौन सी वेबसाइट हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं है दोस्तों इसके ऊपर की अथॉरिटी का नाम है ICANN (Internet Corporation for Assigned Names and Numbers ) । ये ICANN एक नोंप्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है इसे आप कह सकते हो की टॉप लेवल अथॉरिटी इंटरनेट डिसाइड करती है कि कौन सी वेबसाइट डोमेन नाम को बेच सकती हैं यह टॉप लेवल अथॉरिटी तो डिसाइड करती है कि कौन से डोमेन नाम हो सकते हैं
एक्चुअली में .COM हो सकता है डॉट .IN हो सकता है .INFO हो सकता है जो भी हो सकता है वह ICANN डीसाइड करता है कि चलो हम .GOV नाम की वेबसाइट बना सकते हैं हम .COM नाम के डोमेन नेम बना सकते हैं हालांकि नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन है लेकिन यह टॉप लेवल डोमेन नेम कोन से होंगे ये ICANN की वेबसाइट पर जाकर देख सकते हो कि अलग अलग टॉप लेवल डोमैंस किस किस कंपनी ने खरीद रखे हैं godaddy.com जैसी कंपनी जो टॉप लेवल डोमेन प्लस डोमेन नेम लोगों को बेच सकते हैं तो क्या ICANN यहां पर पूरे इंटरनेट का भगवान है क्या ऐसा नहीं कहा जा सकता है इंटरनेट है वह बहुत ही कंप्यूटर जो मोबाइल फोन INTERNET से कनेक्ट है वह इंटरनेट को बनता है उसे सर्वर कह सकते हो आप आपके मोबाइल फोन को आपके कंप्यूटर को कोई भी डाटा सेंटर है हर एक हर कोई सरवर है जो एक दूसरे से वायर से कनेक्ट है पूरी दुनिया भर में बड़ी बड़ी अंडरवाटर केबल्स बिछी हुई है जो दुनिया भर के सारे कंप्यूटर को एक दूसरे से कनेक्ट करती है जिससे इंटरनेट बनता है यहां पर दोस्तों अब आप पूछोगे कि मेरा मोबाइल फोन तो किसी केबल से कनेक्ट नहीं है तो उसे पर कैसे इंटरनेट चल जाता है मोबाइल फोन दोस्तों मोबाइल टावर के साथ चलता है जो 3g 4g है उसकी कोई ज्यादा बड़ी रेंज नहीं होती है यहां पर आप उसे मोबाइल फोन के टावर के पास है तभी आपका फोन पर 3g 4g का सिग्नल आता है लेकिन थोड़ी सी ज्यादा दूर जाएंगे वहां पर नहीं आएगा तो जो मोबाइल फोन का टावर है वह एक्चुअली दुनिया भर की वायर से कनेक्ट है
आप मैप में इजीली अंडरस्टैंड कर सकते हैं एक बड़ी वायर इंडिया में जो मुंबई तक गई और मुंबई के पॉइंट से और पूरे इंडिया के अलग अलग एरियाज में गई जिससे कि देश भर के अलग अलग एरियाज में इंटरनेट पहुंचा तो एक तरह से आप कह सकते हो जिस कंपनी ने वायर बिछाए है यहां पर उसके पास काफी पावर है क्योंकि वह इंटरनेट को पहुंचा रहे हैं अलग अलग जगह पर दूसरा कह सकते हो कि जो कंपनी जमीन पर वायर बेचकर आपके घर घर तक के बाहर पहुंच रही है उसे केवल से कनेक्ट कर रही है और आपके कंप्यूटर को पूरी दुनिया भर के इंटरनेट से कनेक्ट कर रही है इनके पास भी काफी सिग्निफिकेंट पावर है इन्हें कहते हैं दोस्तों इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर इस मैं एयरटेल जिओ बीएसएनल जो आपके घर तक इंटरनेट पहुंचा रहे हैं और हां है इनके पास सिग्निफिकेंट पावर है इसको गवर्मेंट कन्ट्रोल कर सकते हैं मोबाइल फोन नंबर दूसरे मोबाइल कॉल लगा सकते हो ऐसे ही हर डिवाइस जो इंटरनेट से कनेक्ट है उसका एक IP एड्रेस होता है चाहे वह आपका कंप्यूटर हो चाहे आपका स्मार्टफोन हो या कोई भी और सर्वर हो जैसे की कोई डाटा सेंटर हो गया जो इंटरनेट से कनेक्ट है
उसका एक IP एड्रेस होगा हर वेबसाइट का भी एक IP एड्रेस होता है जैसे कि आप फोन किसी नंबर पर लगाते हो तो किसी और फोन पर कॉल जाती है जिससे आप बात कर सकते हो ऐसे ही दोस्तों जब आप अपने ब्राउज़र में एक IP एड्रेस लिखते हो तो किसी सर्वर पर जाता है वैसे ही domain name में आईपी एड्रेस होता है Ip इंसान पढ़ नही सकते क्योंकि वो डिजिट्स और नंबर्स में लिखा गया है तो डोमेन नेम एक हुमन रीडेबल फॉर्म है आईपी एड्रेस का जवाब वेबसाइट का डोमेन नाम लिखते हो तो उसे डोमेन नेम को आईपी एड्रेस में कन्वर्ट करने वाली चीज होती है डोमेन नेम सर्वर यानी DNS अब कई बार इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स क्या करते हैं DNS ब्लॉक कर देते हैं किसी वेबसाइट को यह आपको डोमेन नेम आईपी एड्रेस से लिंक ही ना कर पाए तो इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर वन्हा तक पहुंचा नही सकता का इसीलिए Ip एड्रेस uniq होता है बस इस तरह internet काम करता है ।

Post a Comment